सावन में व्रत क्यों रखा जाता है? सावन के महीने में व्रत का क्या महत्व है? सावन के महीने के पीछे क्या कहानी है?
सावन में व्रत क्यों रखा जाता है ! और इसका क्या महत्व है ?
"सावन के महीने में सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि, और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हैं।
सावन में सोमवार का व्रत रखने के पीछे कई धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं हैं:
धार्मिक कारण –
भगवान शिव की विशेष कृपा: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है.
माना जाता है कि इस महीने में सोमवार को व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
कुंवारी कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं वैवाहिक सुख के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखा था.
समुद्र मंथन की कथा: यह भी माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने विष का पान किया था, जिसके बाद विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने उन पर जल चढ़ाया था. इसी घटना की याद में भक्त सावन के महीने में भगवान शिव पर जल चढ़ाते हैं.
* भगवान शिव की कृपा: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, और इस महीने में सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
* मनोकामनाओं की पूर्ति: ऐसी मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
*विवाह और वैवाहिक सुख: अविवाहित लड़कियां सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं।
*आध्यात्मिक विकास: सावन सोमवार का व्रत मन को शांत करने, एकाग्रता बढ़ाने और आध्यात्मिक विकास में सहायक माना जाता है।
* स्वास्थ्य लाभ: कुछ मान्यताओं के अनुसार, सावन में व्रत रखने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर से विषैले तत्वों को निकालने में मदद मिलती है।
सावन के महीने के पीछे क्या कहानी है ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती, भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए , उन्हें अपना वर बनाने के लिए सावन के महीने में व्रत रखी थी |
सावन सोमवार के व्रत में, भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं, भगवान शिव की पूजा करते हैं, और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हैं। व्रत के दौरान, भक्त फलहार करते हैं और सात्विक भोजन का सेवन करते हैं।
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा, व्रत और उपवास का विशेष महत्व है, और भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ इस महीने को मनाते हैं।


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