नहीं रहे बॉलीवुड के ही - मैन अभिनेता धर्मेन्द्र: 89 साल की उम्र में निधन , ख़बर झूठी या सच ! यहां जानें पूरी सच्चाई
बॉलीवुड के ही - मैन कहे जाने वाले अभिनेता धर्मेन्द्र ने 89 साल की उम्र में ली आखिरी साँस - क्या है सच्चाई?
धर्मेन्द्र ,जिनका पूरा नाम धर्म सिंह देओल है ) एक अच्छे अनुभवी भारतीय अभिनेता, निर्माता, और पूर्व राजनेता हैं , जिन्हें पूरा बॉलीवुड He - Man के नाम से जानता है | उन्होंने अपने करियर में 300 से अधिक फिल्मों में काम किया और कई अवॉर्ड अपने नाम किया|जिन्होने दो दशकों तक फ़िल्मों में अपना डंका बजाया| जिन्हे पूरा भारत प्यार करता है और पसंद करता है | आज सभी के आंखो में नमी की लहर फैल गई क्यूंकि कुछ खबर आया कि - उन्होंने सबको अलविदा कह दिया |
चलिए इस पोस्ट में उनके पूरे जीवन, फिल्मी करियर, और अवॉर्ड्स के बारे मे जानते हैं और साथ ही उनके मृत्यु की खबर झूठी है या सच है ये भी जानते है :
जन्म से शादी जीवन तक सफर -
धर्मेन्द्र सर का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के एक गाँव नसराली या शाहनेवाले में हुआ था |उनके पिता जी का नाम - श्री कृष्ण और मां का नाम - सतवंत कौर था|धर्मेन्द्र जी जैसे ही फ़िल्मों में कदम रखे उन्होंने शादियां कर ली |उन्होंने दो शादी की : वैसे तो उन्होंने फ़िल्मों से पहले लगभग 1954 में ही शादी कर लिए थे , पहली पत्नी प्रकाश कौर जिनसे सनी देओल और बॉबी देओल सहित 4 बच्चे हुए| दूसरी शादी उन्होंने फिल्मों में आने के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी से 1980 में किया जिनसे ईशा देओल और अहाना देओल हुए |
फिल्मी करियर -
धर्मेन्द्र सर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म " दिल भी तेरा हम भी तेरे" से की थी जो सन् 1960 में आई थी | उसके बाद उन्हें और फिल्में ऑफर होते गए , उन्हें शोले, आंखे, तहलका , सीता और गीता , जैसे फ़िल्मों से स्टारडम मिला |धीरे धीरे उन्हें रोमांटिक फिल्में मिलने लगे जैसे "अनपढ़ "(1962), पूजा के फूल (1964) और बंदिनी (1963) में | फिर 1966 में आई" फिल्म फूल और पत्थर " ने उन्हें एक्शन हीरो के रूप में पहचान दिलाई , उसके बाद उन्होंने ' मेरा गांव मेरा देश '1971, और शोले -1975' जैसी एक्शन हिट फिल्में दी |
फिल्में -
उन्होंने अपने करियर ने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया और हिंदी फिल्मी जगत को नए मुकाम तक लेके गए| उन्होंने - शोले, मेरा गांव मेरा देश, त्रिनेत्र, तहलका, लोहा , यमला पगला दीवाना, धर्म वीर, चुपके चुपके, यादों की बारात, जैसी famous फिल्में की |
प्रसिद्धि -
उन्हें शोले मूवी में बहुत पसंद किया गया और फिल्म भी हिट साबित हुई थी | फिल्म में उन्होंने वीरू का किरदार निभाया था जो लोगों को आज भी याद है , और हमेशा रहेगा |
अवार्ड्स, पुरुस्कार -
उन्हें 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला , और 2012 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया | और वो साथ ही भाजपा के सदस्य के रूप में राजस्थान के बीकानेर से सांसद भी रह चुके हैं |
मृत्यु की खबर झूठी या सच ?
मंगलवार को बॉलीवुड समेत पूरी दुनिया को बड़ा झटका लगा क्यूंकि धर्मेन्द्र सर की मौत की अफवाह फैली , कहा गया कि " उन्होंने 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया " इससे सभी को झटका लगा क्यूंकि लोग उन्हें बहुत प्यार और पसंद करते हैं | हालांकि ये खबर झूठी है इसका कन्फर्मेशन उनकी पत्नी हेमा मालिनी और उनकी बेटी ईशा देओल ने किया है|बताया गया है कि उन्हें सोमवार को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है | वो कई बीमारियों से जूझ रहे हैं , और अभी उन्हें स्वांस की समस्या है ,| अभी उनके स्वास्थ्य ठीक है |
ऐसी फेक अफवाहें बहुत फैलती है , ऐसे में समझ नहीं आता कोनसा खबर सच है कोनसा झूठ | विश्वास करना मुश्किल हो जाता है, फेक न्यूज से सावधान रहे और सतर्क रहे |
Fake News
आज हम सुपरस्टार धर्मेंद्र के बारे में आपसे कुछ कहना चाहते हैं। अपने दौर में धर्मेंद्र ने अपनी फिल्मों में ना जाने कितने विलेन से लड़ाई लड़ी। लेकिन 89 साल की उम्र में धर्मेंद्र के जीवन के नए विलेन का नाम है फेक न्यूज़।
अब जब धर्मेंद्र अपनी जिंदगी के क्लाइमेक्स पर हैं तो आज वह फेक न्यूज़ नाम के एक विलेन से लड़ाई लड़ रहे हैं। धर्मेंद्र एक ऐसे सुपरस्टार हैं जो जीवन में कभी किसी से हारे नहीं। लेकिन इस हफ्ते उन्हें और उनके परिवार को अपनी ही मौत की फेक न्यूज़ देखनी और सुननी पड़ी।
पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर ऐसे कई मीम्स वायरल हो रहे हैं जहां धर्मेंद्र अस्पताल में बिस्तर पर लेटे हुए अपनी ही मौत की खबर न्यूज़ चैनल पर देख रहे हैं, टीवी पर देख रहे हैं। और भारत के मीडिया में उन्हें मृत घोषित करने की एक होड़ लगी हुई थी। हर चैनल चाहता था कि धर्मेंद्र की मौत की खबर सबसे पहले वही ब्रेक करे और यही कारण है कि पिछले कई दिनों से भारत की जनता के बीच मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
आज स्थिति यह है कि आम जनता और दर्शक भी यह पूछ रहे हैं कि आखिर मीडिया को किसी की मौत की ब्रेकिंग न्यूज़ दिखाने की इतनी जल्दी क्या है? इतनी जल्दबाजी क्यों है? धर्मेंद्र जब अस्पताल पहुंचे थे तब मीडिया 24 घंटे अस्पताल के बाहर खड़ा रहा और कल जब धर्मेंद्र को अस्पताल से शिफ्ट करके उनके घर लाया गया तब भी मीडिया के कैमरे उनके घर के बाहर 24 घंटे खड़े हैं।
आज धर्मेंद्र के पुत्र सनी देओल ने अपने घर के बाहर खड़े मीडिया को एक अच्छा खासा लेक्चर दिया है इसी बारे में और वह मीडिया से बहुत नाराज थे। तो सनी देओल का यह लेक्चर आज मीडिया के लिए था। और इस बार तो नौबत यहां तक पहुंच गई कि हेमा मालिनी और ईशा देओल को सोशल मीडिया पर यह लिखना पड़ा कि धर्मेंद्र जिंदा है, सही सलामत हैं और मीडिया उनकी मौत के बारे में झूठी खबरें ना फैलाए।
इससे पहले भी मीडिया कई लोगों की मौत की खबर उनके जिंदा रहते हुए फैला चुका है।
• याद कीजिए वर्ष 2021 में दिलीप कुमार की मौत को लेकर भी ऐसे ही झूठी खबरें फैलाई गई थी। उस समय उनकी पत्नी सायरा बानो ने सोशल मीडिया पर यह लिखा कि दिलीप कुमार जीवित हैं और ठीक हो रहे हैं।
• वर्ष 2019 में लता मंगेशकर जब अस्पताल में थी तब उनकी मौत की फेक खबरें भी ऐसे ही चला दी गई थी।
• 2016 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की खबर भी उनकी मृत्यु से पहले ही प्रसारित कर दी गई थी।
• 2008 में एक अमेरिकी न्यूज़ एजेंसी ब्लूमबर्ग न्यूज़ ने एप्पल के कोफाउंडर स्टीव जॉब्स की मौत से 3 साल पहले ही उनकी मौत की खबर छापकर श्रद्धांजलि भी दे दी।
हालांकि इसके बाद ब्लूमबर्ग ने इस खबर को एक अधूरी रिपोर्ट बताते हुए डिलीट कर दिया था। असल में 24 घंटे के न्यूज़ चैनल्स का पूरा बिजनेस मॉडल आजकल तेजी से खबर दिखाने पर आधारित है। जो चैनल खबरें जितनी तेजी से ब्रेक करता है, उस चैनल को उतना ही अच्छा माना जाता है और न्यूज़ चैनल्स को भी यह लगता है कि खबरों को सबसे पहले ब्रेक करने से उनके दर्शक खुश होते हैं और उनकी टीआरपी बढ़ती है। आज न्यूज़ चैनल्स का बिजनेस मॉडल ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह क्विक होम डिलीवरी वाला हो चुका है। जैसे फूड एब्स यह दावा करते हैं कि वह 10 मिनट में ताजा खाना आपके घर पर पहुंचा देंगे और उनके डिलीवरी boys अपनी जान पर खेलकर जल्दी से जल्दी आपके घर पर आपका सामान पहुंचाते हैं।
वैसे ही न्यूज़ चैनल्स अपनी विश्वसनीयता को खतरे में डालकर आपके पास ब्रेकिंग न्यूज़ की डिलीवरी दे रहे हैं और हर चैनल चाहता है कि उसकी डिलीवरी सबसे पहले हो। आज हम दर्शकों से भी यह कहना चाहते हैं कि आपको यह तय करना है कि आप सही खबर चाहते हैं या बिजली की गति से ब्रेकिंग न्यूज़ चाहते हैं। अब दर्शकों को यह बताना होगा कि वो इंतजार कर सकते हैं। उन्हें न्यूज़ जानने की कोई जल्दबाजी नहीं है और न्यूज़ चैनल्स बेशक दो-4 मिनट और ज्यादा ले लें। 5 ,10 मिनट और ज्यादा ले लीजिए। एक घंटा और ज्यादा ले लीजिए लेकिन खबर सही पहुंचाइए।
इसलिए आज से ब्रेकिंग न्यूज़ के जाल में मत फंसिए बल्कि सिर्फ सही न्यूज़ का इंतजार कीजिए और एक जागरूक दर्शक बनिए। जो हमारे देश में टीआरपी है टीआरपी रिलीज करने वाली जो संस्थाएं हैं वो सारे न्यूज़ चैनल्स को प्रेरित करती हैं कि वह जल्दी से जल्दी चाहे कुछ भी करके खबरें ब्रेक करें और मसालेदार खबरें दें। उसी से टीआरपी बढ़ती है। उस टीआरपी के चक्रव्यूह को अगर कोई भेद सकता है तो सिर्फ आप हैं। हमारे देश के लोग, हमारी जनता और हमारे देश के दर्शक। जिस दिन आप यह देखना बंद कर देंगे, जिस दिन आप गति नहीं विश्वसनीयता मांगेंगे, उस दिन आपको वह मिलनी भी शुरू हो जाएगी। और इसी खबर में आपको अब दोस्ती भी मैं दिखाना चाहता हूं।
जय और वीरू वीरू की दोस्ती आपने शोले फिल्म में देखी यानी अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की दोस्ती और यह जय और वीरू की दोस्ती एक बार फिर से देखने को मिली। 83 साल के अमिताभ बच्चन अपने पुराने दोस्त धर्मेंद्र से मिलने के लिए खुद गाड़ी चलाकर उनके घर पहुंचे। अस्पताल से धर्मेंद्र जब अपने घर में शिफ्ट हुए तो अमिताभ बच्चन कल खुद अपनी गाड़ी चलाकर अपने पुराने दोस्त से मिलने के लिए उनके घर गए। यह तस्वीरें आपके सामने हैं। यह देखिए और यह भी बड़ी बात है। शोले फिल्म में अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जब जय और वीरू के रोल में थे तब यह दोनों मोटरसाइकिल पर आपको नजर आए थे।
एक बड़ा मशहूर गाना था दोस्ती का। यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे। लेकिन आज 83 साल की उम्र में अमिताभ बच्चन खुद गाड़ी चलाकर अपने दोस्त का हाल-चाल जानने के लिए पहुंचे।

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